JMK रिसर्च के विश्लेषकों के अनुसार, भारत ने 12 महीनों में 31 दिसंबर, 2022 तक लगभग 13,956 मेगावाट सौर क्षमता और 1,847 मेगावाट पवन क्षमता स्थापित की।
नए सौर परिवर्धन में 11.3 गीगावॉट यूटिलिटी-स्केल सोलर शामिल है, जो 2021 की तुलना में 47 प्रतिशत अधिक है। डेवलपर्स ने लगभग 700 मेगावाट ऑफ-ग्रिड/वितरित के अलावा रूफटॉप क्षमता में लगभग 1.9 गीगावॉट जोड़ा, जो साल-दर-साल 42 प्रतिशत कम है। पी.वी.
2022 में स्थापित की जाने वाली अधिकांश सौर क्षमता राजस्थान, गुजरात और तमिलनाडु में स्थापित की जाएगी। भारत के नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (एमएनआरई) के अनुसार, दिसंबर तक देश की नवीकरणीय ऊर्जा की संचयी स्थापित क्षमता 120.85 गीगावॉट थी। सौर ऊर्जा समग्र नवीकरणीय ऊर्जा मिश्रण का लगभग 52 प्रतिशत है, इसके बाद पवन ऊर्जा 35 प्रतिशत, बायोएनेर्जी 9 प्रतिशत और छोटे जलविद्युत 4 प्रतिशत हैं।